Twitter विवाद का फायदा दूसरे माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट्स को मिलता दिख रहा है. अब देशी प्लेटफॉर्म Koo ने कहा है कि वह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म बन गया है. Koo को मार्च 2020 में देशी माइक्रो-ब्लॉगिंग ऐप के तौर पर लॉन्च किया गया था.
Twitter को लेकर अभी काफी चर्चा हो रही है. Elon Musk इसमें कई बदलाव कर रहे हैं. लेकिन, इसका फायदा देशी माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म Koo को मिलता दिख रहा है. कंपनी ने कहा है कि यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म बन गया है.
यानी Twitter के बाद Koo के पास सबसे ज्यादा यूजर्स हो गए हैं. Koo को मार्च 2020 में देशी माइक्रो-ब्लॉगिंग ऐप के तौर पर लॉन्च किया गया था. इसको 50 मिलियन से ज्यादा बार डाउनलोड किया गया है. कंपनी ने हाल ही में चार नए फीचर्स को पेश किया है.
इसमें कू शेड्यूल, 10 प्रोफाइल फोटो और दूसरे फीचर्स शामिल हैं. कंपनी की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, कू 10 से ज्यादा भाषाओं में उपलब्ध है. भारत के अलावा 100 से ज्यादा देशों के यूजर्स इसका इस्तेमाल करते हैं.
ट्विटर पर ब्लू टिक चार्ज लगने के बाद कंपनी ने ऐलान किया था कि वो कोई भी चार्ज नहीं लेगी. इस पर पॉपुलर पर्सनलिटी को ब्लू टिक की जगह येलो टिक दिया जाता है. इस पर कंपनी ने सेल्फ वेरिफिकेशन का भी ऑप्शन दे रखा है. जिससे यूजर्स को खुद को वेरिफाई करके ग्रीन टिक ले सकते हैं.
कंपनी ने कहा है कि कू पर अभी तक 7500 से ज्यादा पर्सनलिटी को येलो टिक दिया जा चुका है. जबकि लाखों लोग खुद को वेरिफाई करके ग्रीन टिक ले चुके हैं. कू के को-फाउंडर Aprameya Radhakrishna ने बताया कि 3 साल के अंदर ही दूसरा सबसे बड़ा माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म बनना दिखाता है कि यूजर्स हम पर भरोसा करते हैं.
आपको बता दें कि ट्विटर की कमान मस्क के हाथ में आते ही कई लोग प्लेटफॉर्म छोड़ चुके हैं. मस्क इसमें कई बदलाव कर रहे हैं. उन्होंने एक बार और साफ कर दिया है कि नए-पुराने सभी अकाउंट्स को ब्लू टिक के लिए पैसे देने होंगे. ऐसे में इसका फायदा आने वाले समय में Koo और दूसरे प्लेटफॉर्म्स को हो सकता है.
हाल ही में आई रिपोर्ट के अनुसार, माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट Mastodon के यूजर्स भी काफी तेजी से बढ़ रहे हैं. लेकिन, यूजर्स के मामले में वह इन साइट्स से काफी ज्यादा पीछे है.